Saturday, September 21, 2019

हाउडी ,मोदी

हाउडी ,मोदी ! क्या है -ये हाव डु यू डु  का शार्ट शब्द है ,जिसका मतलब है मोदी जी आप कैसे हो ? २२ सितम्बर दिन रविवार को हूस्टन के एन . आर. जी. स्टेडियम में भारतीय मूल के अमेरिकियों द्वारा आयोजित एक बहुत बड़ी रैली होने जा रही है ये एक प्रवासी भारतीयों का कार्यक्रम है।यह कार्यक्रम भारतीय मूल के अमेरिकियों द्वारा अमेरिका के सांस्कृतिक ,बौद्धिक और सामाजिक परिदृश्य में दिये गए योगदानो की झलक दुनिया को देगा । इस कार्यक्रम की तैयारी लगभग तीन सालों से चल रही है जिसको अब अंतिम रूप दिया जा रहा है । अमेरिका में बसे भारतीय इस रैली को लेकर बहुत ही ज्यादा उत्साहित हैं। ये इवेंट पिछले लगभग १५-२० सालों का इस तरह का सबसे बड़ा आयोजन होगा।  एन . आर. जी। स्टेडियम में दर्शकों के बैठने की क्षमता लगभग ५० -६०हजार के बीच है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के साथ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी हिस्सा लेंगे । पहली बार मोदी और ट्रम्प २२ सितम्बर को भारतीय मूल के लोगों को सम्बोधित करने के लिए हूस्टन में एक साथ और एक ही मंच पर आएंगे। उस वक्त पूरी दुनिया की निगाहें उस कार्यक्रम पर रहेंगी। इससे पहले अमेरिका के किसी राष्ट्रपति ने भारतीय प्रधानमंत्री के साथ इस तरह मंच साझा नहीं किया है ।  इस तरह के इवेंट डिप्लोमेटिक तरीके से बहुत असर करते हैं। ट्रम्प अगर मोदी जी के कार्येक्रम में आ रहे हैं तो इसका मतलब है अमेरिका भी भारत से घनिष्ट सम्बन्ध रखना चाहता है और उम्मीद की जा रही है की ट्रम्प इस मंच से कुछ बड़े ऐलान भी  कर सकते हैं। इस कार्यक्रम का शीर्षक साझा सपने , उज्जवल भविष्य है। 

अमेरिका में भारत वंशियों की तादात बहुत ज्यादा है। हर चार में से एक प्रवासी भारतीय है। इस इवेंट के ज़रिये दुनिया के देश भारत के बढ़ते दबदबे को भी देखेंगे और ये भी साबित होगा की अमेरिका की अर्थव्यवस्था में भारतीयों का कितना बड़ा योगदान है जिसे वहां की सरकार भी अनदेखा नहीं कर सकती। अगर कुल संख्या में देखें तो १२.८ % ग्रीन कार्ड धारक हैं, ३०% वैज्ञानिक, ३८% डॉक्टर , ३६% नासा में वैज्ञानिक ,३४% माईक्रोसॉफ्ट  इंजीनियर , २८% आई. बी. एम .।          

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अमेरिका रवाना होने से पहले कहा की 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मौजूदगी एक नया मील का पत्थर साबित होगी। मोदी ने कहा , भारत और अमेरिका साथ काम करके अधिक शांति पूर्ण , स्थिर , सुरक्षित , टिकाऊ और समृद्ध विश्व बनाने में योगदान दे सकते हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि मेरी यात्रा भारत को नए अवसरों के लिए एक जीवंत भूमि , एक विश्वसनीय सहयोगी और एक वैश्विक नेता के रूप में पेश करेगी।  इससे हमे अमेरिका के साथ हमारे संबंधों को नयी ऊर्जा प्रदान करने में भी मदद मिलेगी । रविवार को वह 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में ५०००० से ज़्यादा भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों को सम्बोधित करेंगे। मोदी वहां संयुक्त राष्ट्र  महासभा के ७४वें  सत्र में भी हिस्सा लेंगे। पीएम मोदी वहां जलवायु पर भी सम्बोधित करेंगे।

भारतीय अर्थव्यवस्था भी इस वक्त काफी संकट से गुजर रहीं है।  वित् मंत्री निर्मला सीतारमन ने जो कई बार फण्ड बाटने की प्रक्रिया की है उसके बाद कुछ विरोधी स्वर भी आ रहे हैं की प्रधानमंत्री स्वीकार कर रहे हैं की अर्थव्यवस्था  चरमरा रही है तभी तो 'हाउडी मोदी' कर रहे हैं। टेक्सास राज्य गैस और ऑयल का बहुत बड़ा हब है।  भारत और अमेरिका परम्परागत वैकल्पिक नवीनीकृत ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग का दायरा कई गुना बढ़ाने वाले हैं। अमेरिकी प्रवास के दौरान अमेरिकी ऊर्जा कंपनियों से होने वाली मुलाकात से ऊर्जा क्षेत्र में बड़े निवेश का रास्ता खुलेगा इससे अरबों डॉलर के नए निवेश की सम्भावना बढ़ेगी। ऊर्जा के परम्परागत साधनो से प्रदुषण रहित ऊर्जा की ओर बढ़ने की भारत की प्रतिबद्धता से दोनों देशों के सम्बन्ध नया मुकाम हासिल करेंगे। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत बहुत ही बड़े स्तर पर कार्य कर रहा है । 

इस इवेंट के ज़रिये राष्ट्रपति ट्रम्प भी अपने लिए कुछ फायदे देख रहे हैं क्यूंकि अगले साल २०२० में अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव होने वाले हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प को पिछले आम चुनाव में भारत वंशियों का सहयोग नहीं मिला था।  ट्रम्प चाहते हैं की आने वाले चुनाव में जो वोट पहले डेमोक्रेटिक पार्टी को मिले थे वो इस बार रिपब्लिकन पार्टी को मिलें। 

अमेरिका में लोग भारत के योग के भी बहुत दीवाने हैं और योग वहां बहुत प्रसिद्ध हो चुका है। लोग योग और प्राणायाम द्वारा अपनी जीवन शैली में सुधार कर रहे हैं। लोगों को यह भी मालूम है की भारत के प्रधानमंत्री सुबह ४ बजे उठ कर सबसे पहले योग और प्राणायाम करते हैं। और यही उनकी ऊर्जा का राज़ है। 

इधर पाकिस्तान का कश्मीर राग अलापना खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है और उसने इस रैली में  बाधा डालने के लिए मस्जिदों में लोगों को एकत्र करना शुरू कर दिया है जिससे वे लोग प्रधानमंत्री मोदी का विरोध प्रदर्शन कर सके।  

इस कार्यक्रम से जो बात निकल के सामने आएगी वो है भारत और अमेरिका के घनिष्ट संबंध ऐसी उम्मीद हम कर सकते हैं। हूस्टन प्रधानमंत्री मोदी के लिए रेड कारपेट बिछा कर तैयार है।  बस अब इंतज़ार है तो पी एम मोदी के पहुँचने का।  

( यह लेखक के अपने विचार हैं )                            

1 comment:

  1. Bharat aur America ke sambandho ki gehrai ko lekh padkar samjha ja sakta hai Sundar lekh ke liye badhai

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