Saturday, August 31, 2019

फिट इंडिया अभियान

 
 
 

                    

''फिट रहेगा इंडिया तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया''  इन्हीं  पंक्तियों को सार्थक करते हुए कुछ दिनपहले 'मन की बात' कार्यक्रम में  प्रधानमंत्री मोदी ने 'फिट इंडिया अभियान' शुरू करने की बात कही थी इस अभियान का उद्देशेय लोगों को स्वास्थय  के प्रति जागरूक करना और उन्हे फिट बनाना भी है। इस अभियान की शरुआत २९ अगस्त को करना विशेष भी है। क्योकि आज के दिन ही खेल दिवस मनाया जाता है। और आज ही हॉकी के जादूगर और महान खिलाडी ध्यानचंद का जन्मदिन भी है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर आज यहां देहली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में फिट इंडिया अभियान का आगाज किया। सरकार इस अभियान को स्वच्छता अभियान की तरह पूरे जोर शोर से चलाएगी। फिट अभियान के जरिए हेल्दी इंडिया की दिशा में एक कदम बढ़ा दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इंडिया में प्रत्येक नागरिक को फिट करना सरकार का लक्ष्य है। 

फिट इंडिया अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार ने करीब आधा दर्जन मंत्रालयों खेल मंत्रालय ,मानव संसाधन विकास मंत्रालय। ग्रामीण विकास मंत्रालय आदि को एक साथ तालमेल बनाकर काम करने को कहा गया है। इस कार्यक्रम का मतलब खुद को फिट रखना और देश को फिट बनाना है। इस अभियान में बच्चे ,बड़े ,युवा और बुजुर्ग सभी की सेहत को ठीक रखने का लक्ष्य रखा गया है। 

इस अभियान को सफल बनाने के लिए कार्यक्रम में खेल जगत, उद्योग जगत , फिल्म जगत के कई बड़े सितारों ने भी अपनी उपस्तिथि दर्ज कराई। फिट इंडिया अभियान को बनाने के लिए सोशल मीडिया व् मोबाइल एप्प का सहारा भी लिया जाएगा। सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटीज से अपने खेल कार्यक्रम अपनी अपनी वेबसाइट पर डालने के लिए कहा गया है। यह अभियान ४ साल तक चलाया जाएगा और हर साल इसकी थीम अलग होगी। पहले साल लोगों को शारीरिक फिटनेस और जागरूक करने का काम, दूसरे साल खाने की आदतें, तीसरे साल पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली और ४थे साल रोगों से दूर रहने के तरीकों पर आधारित है । 

वैसे भी कहावत है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग काम करता है ।  पुराने समय में आश्रम व्यवस्था होती थी और बच्चों को पढाई करने के लिए गुरुकुल भेजा जाता था और वहां जीवन शैली के अंदर योग प्राणायाम, खेल  प्रतियोगिताएँ आदि  सब क्रियांए बड़े नियम और अनुशासन में रहकर सिखाया जाता था।  इससे बच्चे   प्रकृति प्रेमी भी बनते थे और प्रकृति के साथ रहना भी सीखते थे।  स्वस्थ रहने के लिए प्रकृति के साथ उठना, प्रकृति के साथ रहना और प्रकृति के साथ सोने की आदते भी आ जाती थीं।   हमारे स्वास्थय  पर हमारी जीवन शैली और खानपान का बहुत बड़ा असर होता है। इसी लिए हम सभी को मौसम के अनुसार अपना खानपान रखना चाहिए।  सुबह उठकर ३० मिनट  व्यायाम ज़रुर करना चाहिए।

एक सर्वे के मुताबिक ७० % युवा रोज़ व्यायाम नहीं करते, ६२.५ % अपने खानपान पर ध्यान नहीं देते , और देश में केवल १०% भारतीय कसरत करते हैं । जबकि सेहत पर सरकारी खर्च औसत ३ रूपये है, यह दुनिया में सबसे कम  है जोकि जीडीपी का १% है, हालाँकि लोगों में धीरे धीरे स्वास्थ्य  के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।  फिट रहना व्यक्ति के लिए बहुत ही आवश्यक है क्यूंकि यदि व्यक्ति स्वस्थ नहीं रहेगा तो उसके जीवन की हर बात प्रवाभित होगी।  यदि व्यक्ति को बीमारी की वजह से अपनी कमाई का एक बड़ा हिंसा गवाना पड़े तो उसकी आर्थिक हालत भी अच्छी नहीं रहेगी और इन बातों  का असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है।  हम सभी स्वस्थ रह कर अपना और अपने देश का भला कर सकते हैं।  और अंत में मै यही कहना चाहूंगीकि   अभियान को सफल बनाने हेतु हमे इसकी शुरुवात अपने परिवार से ही करनी होगी।          

 धन्यावद (यह लेखक के अपने विचार हैं)        

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