राफेल -ख़त्म हुआ इन्तजार
भारत ने पहला राफेल प्राप्त किया
८ अक्टूबर २०१९ ,मंगलवार को वायु सेना दिवस के मौके पर भारतीय वायुसेना को उसका बहुप्रतीक्षित पहला रफाल मिल गया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस के मेरिनेक एयरबेस पर औपचारिक रूप से राफेल विमान प्राप्त किया। उन्होंने इस प्रक्रिया को पूरे विधि-विधान और पूजा -पाठ के साथ पूरा किया। रक्षामंत्री ने विमान पर ॐ का तिलक लगाया तथा नारियल और पुष्प अर्पित किये। विमान के पहियों के नीचे नीबू भी रखे गये.
भारत और फ्रांस के बीच राफेल डील
इस मौके पर फ़्रांस के शीर्ष सैन्य अधिकारी तथा राफेल के विनिर्माता डसाल्ट एविएशन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे. भारत ने करीब ५९ हजार करोड़ रूपये मूल्य पर ३६ राफेल लड़ाकू जेट विमान खरीदने के लिए सितम्बर २०१६ में फ़्रांस के साथ अंतर -सरकारी समझौता किया था, जिसका ये पहला विमान था ४ विमान अगले साल मई तक मिलेंगे और बाकि उम्मीद है की ,वे भी तय समय सीमा के अंदर ही मिल जायेंगे । .
रक्षा मंत्री की शस्त्र पूजा
रक्षामंत्री ने कहा ,आज विजयदशमी है और वायुसेना दिवस भी है । आज का दिन प्रतीकात्मक है। इससे वायुसेना की शक्ति में वृद्धि होगी। हमारा ध्यान वायुसेना को समृद्ध करने और उसे बढ़ाने पर है।। उन्होंने कहा, मै फ़्रांस के सहयोग का शुक्रगुजार हूँ ।रक्षामंत्री पिछले कई सालों से विजयदशमी पर शस्त्र पूजा करते आ रहे है लेकिन इस बार ये पूजा उन्होंने विदेशी धरती पर की और वो भी राफेल की. इस बात से एक ये सन्देश भी देने की कोशिश की गयी है की हम दुनिया के किसी भी कोने में चले जाये किन्तु हमें अपनी संस्कृति को कभी नहीं भूलना चाहिए। पूजा के रक्षा मंत्री ने २५ मिनट की शोटी भी ली।
राफेल का मतलब
इसे फ़्रांसिसी भाषा में रफाल कहते हैं, इसका अर्थ होता है तूफान '.रफाल में मिटियर और स्काल्प मिसाइल लगीं हैं।,इससे भारतीय वायुसेना को अद्वितीय मारक क्षमता हासिल होगी राफेल के टेल नंबर आरबी -०१ का नाम भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया के नाम पर रखा गया है जिन्होंने इस रक्षा सौदे में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी।
राफेल की विशेषताएँ
राफेल विमान की सबसे बड़ी खूबी है इसकी स्पीड। इसकी अधिकतम स्पीड २,१३० किमी /घंटा और मारक क्षमता लगभग ३७००किमी तक है। ये विमान २४०००किलो वजन उठाकर ले जाने में सक्षम है।१५० किमी ०की बियोड विजुअल रेंज मिसाइल ,हवा से जमीन पर मार करने वाली स्कैल्प मिसाइल को यूज़ कर सकता है यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है ,जो भारतीय वायुसेना की पहली पसन्द है. राफेल अत्याधुनिक हथियारों से लैस विमान है जिसे हर तरह के मिशन पर भेजा जा सकता है। यह विमान ७० से ७५%हमेशा किसी भी ओपरेशन के लिए तैयार रहता है परमाणु हथियार भी ले जाने में सक्षम है और ५ मिनट के अंदर किसी भी मिशन के लिए रेडी हो जाता है,और अपनी सीमा में रहकर ही पड़ोसी देश की सीमा के कई किलोमीटर तक वार कर सकता है । अगर बालाकोट हमले के समय राफेल हमारे पास होता तो पायलट अभिनंदन को पाकिस्तानी सीमा के अंदर जाकर अटैक न करना पड़ता ।
राफेल को खरीदने का उद्देश्य
आखिर भारत को इस तरह विमान की ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी. यहाँ एक बात को समझना बहुत ही जरूरी है की,भारत एक शान्तिप्रिय देश है और वह किसी भी देश के साथ युद्ध नहीं करना चाहता। भारत अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ अपने रिश्ते सौहार्दपूर्ण व मित्रवत रखना चाहता है लेकिन उसके पड़ोसी उतने शांति प्रिय नहीं हैं कि जी उसे हथियारों की जरूरत न पड़े। भारत इन विमानों को अपने दोनों बॉर्डर चीन और पाकिस्तान की सीमा पर [१]अम्बाला एयरबेस ,[२ ]हसिमरा बसे स्टेशन पर तैनात करेगा। जिससे उसकी सीमाएं सुरक्षित रह सके।
भारतीय पॉलिटिक्स में हंगामा
Good work!
ReplyDeleteLekhni rafal ki Tarah dhardar hai, lekh se rafal ki jankari milti hai
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